The Greatest Guide To Om Jai Jagdish Hare Lyrics



दीपावली पर लक्ष्मी पूजा प्रदोषकाल, वृषभ लग्न और सिंह लग्न में करना और काली पूजा अमावस्या मध्य रात्रि में करना श्रेष्ठ है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। इस साल दिवाली पर हस्त नक्षत्र का संयोग है। इस दिन बेहद शुभ योग वैधृति योग बनेगा। इस योग में जातक को सुखमय व आनंदमय जीवन की प्राप्ति होती है।

कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा

पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय...॥

तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय...॥

બટુક ભૈરવ સોહિયે કાલ ભૈરવ સોહિયે તારા છે તુજ મા…. ઓમ જયો….

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जय गणेश जय गणेश,जय गणेस देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।एक दंत दयावंत,चार भुजा धारी।माथे सिंधूर सोहे मूस की सवारी।।पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवालड्डूअन का भोग लगे सत करें सेवा।।जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।अंधन को आंख देत कोढ़िन को कायाबांझन को पुत्र देत निर्धन को माया।।जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।सूर श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।जय गणेश more info जय गणेश,जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।दीनन को लाज रखो,शंभु सुतकारी।कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी।।जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन की तैयारी से पहले स्नान कर लें। घर को आम के पत्तों, फूल, रंगोली आदि से सजाएं। घर के गेट पर दीया जलाना चाहिए। मान्यता है दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार ऐसा have a peek at this web-site करने website से धन-धान्य में बरकत होती है। दिवाली के दिन जरुरतमंद या गरीबों को कपड़े, धन या मिठाई दान करें।

दिवाली के दिन विधि विधान से धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा यश व वैभव की प्राप्ति होती है। ऐसे में विधिवत भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करें व मंत्रों का जप करें।

नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।

બ્રહ્મા વિષ્ણુ સદા શિવ ગુન તારા ગાતા…. ઓમ જયો….

Shri Visnu is usually a lord in the universe that’s why he is often known as Jagdish. Singing Om Jai Jagdish hare aarti with whole devotion and like can uproot your sorrows. Moreover, it fills you with ecstasy and uplifts your spiritual energies.

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